झारखंड में लोकसभा चुनाव से पहले गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे एक बड़ी मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं। उनके साथ दस लोगों पर शिवदत्त शर्मा के बयान पर जालसाजी समेत अन्य धाराओं के तहत जसीडीह थाने में प्राथमिकी हुई है। उन पर जसीडीह थाना क्षेत्र के दर्दमारा बॉर्डर स्थित परित्राण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को साजिश के तहत हड़पने व धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है।

आरोप है कि परित्राण मेडिकल काॅलेज और अस्पताल के लिए बैंकों ने 93 करोड़ ऋण स्वीकृत किए थे। बाद में एमसीआइ (मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया) ने अपनी नीति में कुछ बदलाव। यह काॅलेज उन आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सका। इस कारण एमसीआइ से अनुमोदन प्राप्त नहीं हुआ और मेडिकल काॅलेज शुरू नहीं हुआ। ऐसे में उनके ऋण को गैर निष्पादित संपत्ति घोषित कर दिया गया। उनका आरोप है कि सांसद दुबे, उनकी पत्नी अनामिका गौतम ने उनके दस्तावेजों का दुरुपयोग करके उन्हें धोखा दिया। उनकी संपत्ति बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट द्वारा नीलामी में खरीदी गई। नीलामी में सिर्फ ट्रस्ट ने बोली लगाई। आरोप है कि ट्रस्ट को केवल 15 हजार रुपये से खोला गया। हालांकि, कुछ समय के बाद उसमें बड़ी लेनदेन हुई। आवेदन में लेनदेन का विवरण भी दिया गया है। आरोप है कि धोखा देकर उनकी संपत्ति को ट्रस्ट ने हासिल कर ली है।