आज हुई सुनवाई के दौरान उमायुष की ओर से सरकार द्वारा दायर शपथ पत्र का जवाब देने के लिए समय मांगा गया। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने यह सवाल किया कि झारखण्ड में जमीन के दस्तावेज के डिजिटाईजेशन क्यों नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश सूर्यकांत और जे. बागची की पीठ में सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई, याचिका में आईएफएस अधिकारियों को अवमानना मामले में दोषी करार दिया जाने को चुनौती दी गयी थी। मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा। उन्हें तेतुलिया की जमीन को वन भूमि बताया। साथ ही इससे संबंधित कुछ दस्तावेज कोर्ट को सौंपे, न्यायालय ने जमीन के दस्तावेज को सुरक्षित रखने का आदेश दिया।