नई दिल्ली: नीट पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना अंतिम फैसला सुना दिया | कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों को सुनने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि यह कोई सिस्टमैटिक फेल्योर नहीं है | पेपर लीक का असर हजारीबाग और पटना तक ही सीमित है | हमने ढांचागत खामियों पर ध्यान दिया है | कोर्ट ने कहा कि परीक्षा में शामिल होने वाले कैंडिडेट्स की पहचान सुनिश्चित करना और पेपर लीक को रोकने के लिए स्टोरेज के लिए एसओपी तैयार करना सरकार और एनटीए की जिम्मेदारी है | अगर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से किसी की शिकायत का समाधान नहीं होता है तो वह हाईकोर्ट जा सकता है | साथ ही कोर्ट ने कहा कि पेपर लीक बड़े पैमाने पर नहीं हुआ है | एनटीए को भविष्य में लापरवाही से बचना चाहिए | हम नीट की दोबारा परीक्षा की मांग को खारिज कर रहे हैं |
एग्जाम पैटर्न में बदलाव करेगा एनटीए
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एनटीए से एग्जाम पैटर्न में बदलाव करने को कहा है | कोर्ट ने कहा कि एजेंसी को प्रश्नपत्र तैयार करने से लेकर परीक्षा खत्म होने तक कड़ी जांच सुनिश्चित करनी चाहिए | प्रश्नपत्रों की हैंडलिंग आदि की जांच के लिए एसओपी बनाया जाना चाहिए | पेपर ले जाने के लिए खुले ई-रिक्शा की जगह रियल टाइम लॉक वाले बंद वाहनों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए | इसके अलावा गोपनीयता कानून का भी ध्यान रखना चाहिए, ताकि कोई अनियमितता हो तो उसे पकड़ा जा सके !