राम रहीम को विधानसभा चुनाव से पहले मिली राहत: हरियाणा सरकार ने 21 दिन की फरलो की मंजूरी दी

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार एक बार फिर रेप और मर्डर केस में जेल में बंद राम रहीम पर मेहरबान हुई है |  हरियाणा सरकार ने राम रहीम को 21 दिन की फरलो दी है |  विधानसभा चुनाव से पहले राम रहीम को ये फरलो दी गई है |  राम रहीम सुनारिया जेल से बाहर आ गया है |  राम रहीम इन 21 दिनों में यूपी के बनवारा स्थित आश्रम में रहेगा |

बता दें कि पिछले दिनों पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की उस याचिका का निपटारा कर दिया था |  इस याचिक में जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को अस्थायी रूप से रिहा किए जाने को चुनौती दी गई थी | न्यायालय ने कहा कि अस्थायी रिहाई की याचिका पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा बिना किसी मनमानी या पक्षपात के विचार किया जाना चाहिए |

19 जनवरी को दी गई थी 50 दिन की परोल
शीर्ष गुरुद्वारा संस्था एसजीपीसी ने सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की अस्थायी रिहाई के खिलाफ याचिका दायर की थी |  एसजीपीसी ने तर्क दिया था कि डेरा प्रमुख हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों के लिए कई सजाएं काट रहा है और अगर उसे रिहा किया गया तो इससे भारत की संप्रभुता और अखंडता खतरे में पड़ जाएगी और सार्वजनिक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा | राम रहीम अपनी दो अनुयायियों से बलात्कार के आरोप में 20 साल की सजा काट रहा है और रोहतक जिले की सुनारिया जेल में बंद है | उसे 19 जनवरी को 50 दिन की परोल दी गई थी |

हाईकोर्ट ने कहा

अदालत ने अपने आदेश में एसजीपीसी की इस दलील को खारिज कर दिया कि डेरा प्रमुख को परोल देने पर विचार करते और उसे मंजूरी देते समय हरियाणा सदाचारी बंदी (अस्थाई रिहाई) अधिनियम, 2022 के बजाय हरियाणा सदाचारी बंदी(अस्थायी रिहाई) अधिनियम, 1988 को लागू किया जाना चाहिए था | अदालत ने कहा कि प्रतिवादी संख्या नौ (डेरा प्रमुख) के मामले में सक्षम प्राधिकारी पुलिस संभागीय आयुक्त हैं |  आदेश में कहा गया कि अदालत यह देखना चाहेगी कि यदि प्रतिवादी संख्या नौ द्वारा अस्थायी रिहाई के लिए कोई आवेदन किया जाता है, तो उस पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा सख्ती से 2022 के अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार और मनमानी या पक्षपात या भेदभाव के बिना विचार किया जाए |

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