राजी पाड़हा सरना प्रार्थना सभा भारत की पांच सदस्यीय टीम सरना धर्मगुरु बंधन तिग्गा की अगुवाई में माननीय मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र की प्रति

राजी पाड़हा सरना प्रार्थना सभा भारत की पांच सदस्यीय टीम सरना धर्मगुरु बंधन तिग्गा की अगुवाई में माननीय मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र की प्रति
श्री सम्राट चौधरी,
माननीय उप मुख्यमंत्री, बिहार सरकार एवं माननीय पुर्णिया विधायक श्री विजय खेमका को सौंपी। साथ ही माननीय सांसद श्री पप्पू यादव जी के दिल्ली प्रवास के कारण धर्मगुरु से दूरभाष पर घटनाक्रम को लेकर चर्चा हुई। टीम में राष्ट्रीय महासचिव विधासागर केरकेट्टा राष्ट्रीय सरना धर्म प्रचारिका कमले उरांव, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रवि तिग्गा, कामडारा प्रखंड अध्यक्ष नीरल आईंद शामिल थे

विषय : आदिवासियों के धार्मिक सामाजिक सांस्कृतिक मांगो पर गंभीरता पूर्वक विचार किए जाने के संबंध में।

महाशय,

उपरोक्त विषय की ओर आपका ध्यान आकृष्ट करते हुए कहना है कि राजी पाड़हा सरना प्रार्थना सभा भारत देश के मूल आदिवासियों यथा सरना धर्मलंबियों का एक व्यापक संगठन है। जिसका मुख्यालय झारखंड की राजधानी रांची में अवस्थित है, किंतु इनकी सशक्त शाखाएँ झारखंड के अलावा उड़ीसा, बंगाल, छत्तीसगढ़, बिहार, असम एवं दिल्ली के साथ-साथ नेपाल जैसे देशों में भी है। यह संगठन पूर्णतः धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक चेतना लाने के साथ-साथ आदिवासियों के हक अधिकार एवं न्याय के क्षेत्र में काफी मजबूती से कार्य कर रही है।

विगत दिनों बिहार प्रदेश के पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र / प्रमंडल क्षेत्र में आदिवासी समाज के धार्मिक सामाजिक सांस्कृतिक चेतनाओं के आभाव में दर्दनाक आगजनी घटना घटी। जिससे समस्त सरना आदिवासी समाज काफी मर्माहत्त है। फलतः राजी पाड़हा सरना प्रार्थना सभा अपने दायित्वों एवं कर्त्तव्यों का निर्वहन करने हेतु स्थल भ्रमण कर पीड़ित परिवार एवं पूरे समाज में जन चेतना यथा उत्पन्न विवाद का निराकरण करने हेतु दिनांक 16/07/2025 दिन बुधवार को एक 5 सदस्य शिष्टमंडल ने भ्रमण किया।

वर्त्तमान में बिहार प्रदेश की कुल आबादी का लगभग 2 प्रतिशत जनसंख्या आदिवासियों की है, जिनके कुछ महत्वपूर्ण मांगे आपके के समक्ष आदिवासी समाज के कल्यानार्थ निम्नवत हैं-:

  1. मूल आदिवासी यथा सरना धर्मावलंबियों के लिए भारतीय जनगणना प्रपत्र में सरना धर्म कोड प्रदान करने हेतु बिहार विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर भारत सरकार को भेजा जाए। (जिस प्रकार से जातीय जनगणना का प्रस्ताव आपके सरकार द्वारा भारत सरकार को भेजा गया है)
  2. बिहार राज्य के ऐतिहासिक रोहतासगढ़ किला के साथ आदिवासियों का अतीत जुड़ा है। फलतः देश भर के मूल आदिवासी अपने पूर्वजों के सम्मान में हर वर्ष पुष-पूर्णिमा में काफी बड़ी संख्या में जमा होते हैं जिनकी सुविधा हेतु एक बहुउद्देशीय भवन (पाँच हजार क्षमता) का निर्माण रोहतासगढ़ किला के पहाड़ के उपर या नीचे किया जाए।
  3. मूल आदिवासियों यथा सरना लोगों के लिए रोजगार एवं स्वारोजगार प्रदान करने के साथ-साथ कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दृढ़ता से आदिवासी चिन्हित जिलों में किया जाए।
  4. बिहार की राजधानी पटना में आदिवासियों के शैक्षणिक विकास हेतु एक सौ शैय्या अनुसूचित जनजाति छात्रावास का निर्माण कराया जाए।
  5. आदिवासियों के धार्मिक सामाजिक सांस्कृतिक संरक्षण एवं संवर्धन हेतु एक भव्य धुमकुड़िया / पाड़हा भवन (1000 क्षमता वाला) का निर्माण किया जाए।

उक्त पांच मांगों के अलावे निम्न बिंदुओं पर भी उचित कार्रवाई करने की बात मौखिक रूप से रखी गई :

  1. सभी थाना को निर्देश दिया जाए कि अपने अपने थानान्तर्गत जितने भी ओझा-गुणी-तांत्रिक, भगत-भगताईन हैं, उनका लिस्टिंग कर उनका आधार की कॉपी एवं बॉंड जमा कराया जाए ताकि उनके द्वारा पूर्णिया टेटगामा हत्याकांड जैसे घटना की पुनरावृत्ति न हो। और अगर होती है तो इसकी पूर्ण जवाबदेही इन ओझा तांत्रिकों की होगी।
  2. अनुसूचित जातियों के तर्ज पर अनुसूचित जनजातियों में भी टोला स्तर पर विकास मित्र नियुक्त किया जाए।

अतः माननीय उपमुख्यमंत्री महोदय से अनुरोध है कि आदिवासियों के सुरक्षा एवं सुविधा को ध्यान में रखते हुए उनके चौमुखी विकास हेतु उपरोक्त सातों मांगो पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जाए। इसके लिए राजी पाड़हा सरना प्रार्थना सभा भारत सदा आभारी बना रहेगा।


रवि तिग्गा ,
झारखंड प्रदेश अध्यक्ष,
राजी पाड़हा सरना प्रार्थना सभा भारत
मो० न०-8340369807

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *