रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव की हलचल तेज हो गई है | टिकट के लिए सभी राजनीतिक दलों में मारामारी शुरू हो गई है | इस बीच रांची, जमशेदपुर वेस्ट और धनबाद ऐसे तीन विधानसभा सीट हैं, जहां बीजेपी में सक्रिय और चर्चित चेहरे चर्चा का विषय बने हुए हैं | ये तीनों ‘सिंह जी’ हैं और अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभावशाली कारोबारी भी हैं, जो चुनावी राजनीति में अपने काम, सक्रियता और पार्टी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तैयार हैं |
1. रमेश सिंह (रांची)
राजधानी में रमेश सिंह एक ऐसा नाम है, जो पहचान का मोहताज नहीं है | रांची में रियल ईस्टेट और समाजसेवा के क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं | वे भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य भी हैं. विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक आयोजनों में उनकी प्रमुख भूमिका और सक्रियता बढ़चढ़ कर रहती है | रमेश सिंह को समाजसेवा और धार्मिक कार्यों में दिल खोलकर खर्च करने की प्रवृत्ति ने उन्हें विधानसभा क्षेत्र में खास पहचान दिलाई है | जिसे भी मदद करते है तो सेवा भाव से करते है | आम जनता ने रमेश सिंह को विधानसभा चुनाव में पार्टी से टिकट लेने और चुनाव में एक बड़े वोट से जीत का आश्वासन दिया है | आम जनता की रायशुमारी के बाद रमेश सिंह टिकट के लिए कोशिश कर रहे है | हालांकि, पार्टी अब किसे चेहरे को रांची विधानसभा से सामने लाती है, यह काफी रौचक होगा |
2. नीरज सिंह (जमशेदपुर वेस्ट)
नीरज सिंह जमशेदपुर में बड़े कारोबारी हैं और उन्होंने कई सामाजिक आयोजनों में सक्रिय भागीदारी की है | वे जमशेदपुर पश्चिमी से चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं और भाजपा में टिकट के दावेदार माने जा रहे हैं | उनके आने से राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं और वे पहले से मौजूद कई पुराने दावेदारों को चुनौती दे रहे हैं |
3. एलबी सिंह (धनबाद)
धनबाद में एलबी सिंह कोयला कारोबारी हैं और वहां की राजनीति में उनकी धमक बढ़ती जा रही है | वे चुनाव लड़ने के लिए जोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं और टिकट की उम्मीद भी कर रहे हैं | उन्होंने समाज सेवा में भी भाग लिया है और पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश भी जारी है |
इन तीनों विधानसभा सीटों पर टिकट के लिए प्रतिस्पर्धा काफी रोचक हो गई है | खासकर रांची, जमशेदपुर और धनबाद में जहां कई दावेदार हैं | बता दें कि रांची से सिटिंग विधायकों सीपी सिंह और धनबाद से राज सिन्हा के बावजूद कई नए दावेदारों ने अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है | ऐसे में पार्टी के लिए टिकट वितरण में परेशानी हो सकती है, क्योंकि सभी स्तर के नेता और कार्यकर्ता टिकट की दौड़ में लगे हुए हैं |