रांची: राजधानी में युवा पीढ़ी तेजी से ड्रग पैडलरों के चंगुल में फंस रहे है | स्कूल-कॉलेजों के छात्र-छात्राओं में यह नशा तेजी से फैल रहा है | अब ज्यादा समय नहीं बचा है, जब झारखंड “उड़ता पंजाब” के नाम से प्रचलित होगा | ड्रग पैडलर पहले युवाओं को नशे की लत पकड़ाते है, फिर नशे के एवज में उनसे मोटी रकम वसूल रहे है | इतना ही नहीं, कई मामलों में तो देखा गया है कि ज्यादा ड्रग्स की डोज होने के कारण युवाओं की मौत भी हो गई है | ड्रग्स वर्ष 2023 में रांची और हजारीबाग में चार लोगों की जान भी ले चुका है | जबकि, नशा मुक्ति केंद्र में 300 से ज्यादा लोग खुद की जांच कराने पहुंच चुके है | झारखंड पुलिस ड्रग्स पर रोकथाम को लेकर कोई सख्त कदम नहीं उठाती है, तो पूरा राज्य इसकी चपेट में आ सकता है |
इन-इन इलाकों में तेजी से फैला है ड्रग्स का कारोबार
सूत्रों की मानें, तो रांची के सुखदेवनगर, लोअर बाजार, धुर्वा, अरगोड़ा, सदर, बरियातू और खेलगांव इलाके में तेजी से ड्रग्स का कारोबार फैला है | सुखदेवनगर इलाके में शैतान चौक, विद्यानगर, किशोरगंज रोड-9, मुरला पहाड़ के अलावा हरमू बाइपास रोड शामिल है | वहीं लोअर बाजार इलाके में पुरुलिया रोड, कर्बला चौक, बस स्टैंड शामिल है | इतना ही नहीं, ड्रग पैडलर आजकल होम सर्विस भी दे रहे है, ताकि ड्रग पैडलर के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं मिल सकें |
अभिभावकों का बच्चों को समय न देना चिंता का विषय
अभिभावक काम के चक्कर में बच्चों पर थोड़ा भी ध्यान नहीं दे रहे है, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है | अभिभावक अपने काम के चक्कर में ध्यान तक नहीं देते है कि बच्चे कहां आ रहे है, कहां जा रहे है | कौन से मित्र से मिलना-जुलना लगा रहता है, इसके बारे में भी कोई जानकारी नहीं रखते है | यह सब लापरवाही के कारण युवाओं को नशे की लत लग रही है | फिर अभिभावकों को जब पूरे मामले की जानकारी होती है, तब तक युवा नशे की आदत पकड़ चके होते है | फिर युवा वर्ग नशे की खातिर सही और गलत को समझना छोड़कर अपराध की दुनिया में भी प्रवेश कर जाते है |