कृषि के विकास में योगदान देने वाले डॉ. प्रेम शंकर डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित

रांची : उषामार्टिन विश्वविद्यालय ने डॉ. प्रेम शंकर को उनके महत्वपूर्ण अनुसंधान और योगदान के लिए डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित किया गया | यह उपाधि संयुक्त रूप से पद्मविभूषण से समानित डॉ. आर. ए. माशेलकर (पूर्व महानिदेशक -CSIR)  एवं विश्विध्यालय के कुलाधिपति प्रभात कुमार (झारखण्ड के प्रथम राज्यपाल) के द्वारा दिया गया | प्रेमशंकर का शोध का विषय  झारखण्ड के दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल में आदिवासी परिवारों के आर्थिक उत्थान में मनरेगा अंतर्गत बिरसा हरित ग्राम योजना के प्रभाव पर केन्द्रित था | उन्होंने अपना शोध कार्य   दिसम्बर 2023 में पूर्ण किया था | उषा मार्टिन द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह में उन्हें यह उपाधि दी गयी |

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के स्रोत बढ़ाने का किया काम

डॉ. प्रेम शंकर ने अपने अध्ययन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और स्थायी आय के स्रोतों को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है | उनके अनुसंधान के परिणाम न केवल स्थानीय समुदायों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे मनरेगा जैसे सरकारी कार्यक्रमों में आदिवासी परिवारों की आजीविका को सुदृढ़ करने की दिश में एक महत्वार्पूर्ण कार्य है |

उन्होंने इस सम्मान के लिए अपने मार्गदर्शक डॉ. अरविन्द हंस एवं इस अध्ययन में सहयोग देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया | अध्ययन के दौरान उन्होंने मनरेगा के 500 लाभुकों से साक्षात्कार किया | इसके लिए उन सभी लाभुकों को भी आभार व्यक्त किया | MBA में गोल्ड मेडलिस्ट प्रेम शंकर वर्ष 2007 से अबतक प्रदान के साथ जुड़कर झारखण्ड में काम कर रहे हैं |

कृषि के विकास में दिया विशेष योगदान

खूंटी जिले में आम बागवानी, गेंदा फुल, तरबूज आदि की खेती को बड़े पैमाने पर ले जाने में एवं तोरपा प्रखंड में समन्वित प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के तहत एकीकृत ग्राम विकास के मॉडल बनाने में उनका विशेष योगदान रहा है |

डॉ. शंकर खूंटी, सिमडेगा सहित सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग डेढ़ दशक से आदिवासी परिवार के लिए प्रदान संस्था के साथ लगातार काम कर रहे हैं | उन्होंने आदिवासी समुदाय की गरीबी को काफी बारीकी से देखा व समझा है, इसलिए उनके लिए इस विषय पर अध्ययन करना काफी महत्वपूर्ण था ताकि लोगों की आजीविका को और बेहतर करने में यह अध्ययन सहायक हो सके. डॉ. प्रेम शंकर की इस सम्मान पर विशेष उत्साह और गर्व की भावना है, और वे आगे भी समाज की सेवा में योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं |

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