पाकुड़ : दो गांवों में डायरिया का कहर, दर्जनों लोग बीमार

पाकुड़ : पाकुड़ जिला के अमड़ापाड़ा और लिट्टीपाड़ा प्रखंड के दो गांव में डायरिया का प्रकोप फैल गया है | अमड़ापाड़ा प्रखंड के बड़ा बास्को संथाली टोला गांव में करीब 24 लोग और लिट्टीपाड़ा प्रखंड के छोटा चटकम गांव में 7 ग्रामीणों को उल्टी और दस्त होने लगी | गांव में अस्पताल नहीं होने के कारण ग्रामीण गांव में झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने लगे थे | जब इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को मिली | विभाग की टीम चिकित्सकों के साथ दोनों गांवों में पहुंची और गांव में ही बीमार लोगों का इलाज शुरू कर दिया | जिन ग्रामीणों की स्थिति गंभीर थी उन्हें एम्बुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजवाया गया |

गंदा पानी पीने से लोग हुए बीमार

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पेयजल की काफी समस्या है | झरना का गंदा पानी पीने से लोग डायरिया का शिकार हुए हैं | इलाज के बाद सभी बीमार ग्रामीणों की स्थिति में सुधार है | वहीं बीडीओ श्रीमान मरांडी ने डायरिया प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए | सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल ने बताया कि दोनों गांव में इलाज के बाद मरीजों की स्थिति में सुधार है | स्वास्थ्यकर्मी एवं चिकित्सक गांव में कैंप कर रहे हैं |

स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेजा गया गांव

बड़ा बास्को गांव में डायरिया फैलने की सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को तत्काल गांव भेजा गया | मामले की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ. मंटू टेकरीवाल भी बड़ा बास्को गांव पहुंचे और स्वास्थ्य कर्मियों को मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया |

सिविल सर्जन ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जैसे ही किसी गांव में डायरिया फैलने की सूचना मिले, उस गांव में मेडिकल टीम द्वारा स्वास्थ्य शिविर लगाया जाए और डायरिया से पीड़ित सभी मरीजों का इलाज किया जाए | सभी डायरिया मरीजों का कम से कम एक सप्ताह तक डॉक्टर की निगरानी में फॉलोअप किया जाए |

फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम इन दोनों गांवों में कैंप लगाकर ग्रामीणों की जांच कर उन्हें समुचित इलाज मुहैया करा रही है | सभी मरीज खतरे से बाहर हैं | साथ ही सभी ग्रामीणों से झरने का पानी उबालकर पीने का अनुरोध किया गया है | गांव में साफ-सफाई की जा रही है और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है | डायरिया से बचाव के लिए इन दोनों गांवों में ओआरएस का वितरण किया गया है !

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