डीसी कर्ण सत्यार्थी की अनूठी पहल: अंतरिक्ष की रहस्मयी दुनिया को जानने ISRO की सैर पर जायेंगी जमशेदपुर की 28 बेटियां

पूर्वी सिंभूम जिले के डीसी कर्ण सत्यार्थी की अनूठी पहल पर जमशेदपुर की 28 बेटियों को अंतरिक्ष की रहस्मयी दुनिया को जानने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) जाने का अवसर मिलने वाला है। ऐसे में अब जमशेदपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में अध्ययनरत छात्राओं को इसरो की यात्रा का दुर्लभ अवसर मिलेगा। इसरो का यह दौरा जमशेदपुर के ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियों के लिए यादगार पल तो होगा ही। साथ ही उनके भीतर आत्मविश्वास भरने वाला भी होगा। ग्रामीण छात्राओं को इस यात्रा के दौरान विज्ञान नवाचार और अंतरिक्ष अनुसंधान को नजदीक से देखने का पूरा मौंका भी मिलेग।

दरअसल, पिछले माह जिले के सरकारी और आवासीय विद्यालयों की छात्राओं के बीच एक विशेष प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी। इस प्रतियोगिता में लिखित परीक्षा के माध्यम से चयन प्रक्रिया अपनायी गयी, जिसमें 30 छत्राओं का चयन इसरो भ्रमण के लिए किया गया। इनमें से 28 छात्राएं कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की है, जबकि दो छात्राएं कल्याण विभाग द्वारा संचालित अर्जुनबेड़ा आवासीय विद्यालय की हैं। चयनित सभी 30 में से 28 छत्राओं को आगामी 10 अगस्त को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के भ्रमण पर ले जाया जायेगा। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष तैयारियां की जा रही है। 

इस संबंध में जिले के डीसी कर्ण सत्यार्थी ने बताया कि उनका मानना है कि झारखंड के ग्रामीण इलाकों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, पर उचित एक्सपोजर और रोल मॉडल्स के अभाव में ये बच्चे अक्सर पीछे रह जाते हैं। इसी सोच के साथ उन्होंने दो वर्ष पूर्व गुमला में यह पहल शुरू की थी, और अब उसी मॉडल को पूर्वी सिंहभूम में भी सफलतापर्वक लागू किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि प्रतियोगिता के आधार पर कुल 30 छात्राओं का चयन किया गया था। इनमें से दो छात्राओं के अभिभावकों ने किसी कारणवश बच्चियों के इसरो जाने से मना कर दिया है। ऐसे में अब कुल 28 छात्राएं 10 अगस्त को इसरो के भ्रमण के लिए जिले से भेजी जायेंगी।

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