कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) से निलंबित नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों की संपत्तियों पर नए सिरे से छापेमारी शुरू की।
गत पांच जनवरी को शाहजहां शेख के सहयोगियों द्वारा कथित तौर पर जांच एजेंसी के अधिकारियों पर हमला करने और अपनी जान बचाकर भागने के बाद यह ईडी की यह पहली छापेमारी है।
सूत्रों ने बताया कि सशस्त्र केंद्रीय बलों की मौजूदगी में संघीय एजेंसी मछली पालन जैसी संपत्तियों की जांच कर रही है। जिसे स्थानीय रूप से “भेरी” कहा जाता है। आरोपी है कि मुख्य आरोपी और उसके सहयोगियों ने गरीब आदिवासी लोगों की जमीनों पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया था और वहां मछली पकड़ने का आकर्षक व्यवसाय शुरू किया था।
अपनी संपत्तियों से बेदखल किए गए स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उनकी खेती की जमीन पर कब्जा कर झींगा और अन्य मछली पालन शुरू कर दिया।
तलाशी अभियान धमाखाली के पास एक थोक मछली बाजार और बाजार के साझेदारों में से एक नजरुल मोल्ला के घर पर चलाया जा रहा है। एक मछली निर्यातक और दो अन्य बिल्डरों की संपत्ति भी ईडी की जांच के दायरे में है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद कथित राशन (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) को लेकर तलाशी अभियान चल रहा है।
राज्य के वन मंत्री ज्योति प्रिया मल्लिक को घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए ईडी ने गिरफ्तार किया है। यह घोटाला उस समय का है जब वह राज्य के खाद्य मंत्री थे।
ईडी ने 5 जनवरी को शाहजहां के अकुंगी पारा स्थित घर पर छापा मारा था, लेकिन टीएमसी नेता के समर्थकों द्वारा सरकारी अधिकारियों पर हमला करने के बाद उन्हें अपनी जान बचाकर भागना पड़ा, जिसमें दो वरिष्ठ अधिकारी घायल हो गए और उनमें से एक के सिर में चोट लग गई।
शाहजहां को पश्चिम बंगाल पुलिस ने 29 फरवरी को संदेशखाली इलाके से गिरफ्तार किया था और उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 6 मार्च को उसे सीबीआई को सौंप दिया गया था।
अदालत ने सीबीआई और अपराध निरोधक एजेंसी के साथ मारपीट के मामले की जांच भी सीबीआई को सौंप दी, जिसमें मुख्य आरोपी के तीन गिरफ्तार सहयोगी शामिल थे।