Breaking News : जमशेदपुर निवासी आतंकी सैयद मोहम्मद अर्शियान के खिलाफ  रेड कॉर्नर नोटिस जारी

जमशेदपुर के मानगो का रहने वाला सैयद मोहम्मद अर्शियान उर्फ हैदर, जिसे अक्सर आतंकवाद का इंजीनियर कहा जाता है,  के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. यह नोटिस केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अनुरोध पर जारी किया गया है.

अर्शियान पर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के लिए आत्मघाती ड्रोन और छोटी दूरी की मिसाइलों को डिजाइन करने का आरोप है. माना जाता है कि उसने आतंकवाद की दुनिया में तकनीक को काफी हद तक बदल दिया है.

इससे आतंकवादी समूहों के हथियारों का जखीरा और भी खतरनाक हो गया है. लगभग 40 साल का अर्शियान 2017 से तुर्की में है.

अर्शियान ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से की है इंजीनियरिंग

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अर्शियान ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उसकी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने की कहानी धीरे-धीरे सामने आई.

साल 2005 में वह बैंगलोर गया और एक मदरसे में कुछ महीनों तक पढ़ाई की, लेकिन उस समय उसकी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का कोई सबूत नहीं मिला.

साल 2008 वह सऊदी अरब के दम्मम चला गया, जहां उसे एक सॉफ्टवेयर डेवलपर की नौकरी मिली. यहीं पर उसकी मुलाकात अलीना हैदर से हुई, जो चेचन मूल की एक बेल्जियम नागरिक है.

अर्शियान ने अलीना से शादी कर ली और उनकी एक बेटी भी है. साल 2012-2015 के बीच दम्मम में अर्शियान का घर जिहाद समर्थक भारतीयों का एक केंद्र बन गया था.

इस दौरान कई बैठकें हुईं, जिसमें उसने कथित तौर पर लश्कर-ए-तैयबा के लिए भारतीयों की भर्ती करने के लिए मौलवी अब्दुल रहमान अली खान से संपर्क किया.

अर्शियान पर मौलवी अब्दुल रहमान अली खान का था गहरा प्रभाव  

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अर्शियान पर मौलवी अब्दुल रहमान अली खान का गहरा प्रभाव था. अब्दुल रहमान अली खान ओडिशा सैन्य पुलिस के एक अधिकारी के बेटे थे.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में अर्शियान ने खान को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के रास्ते पाकिस्तान जाने और लश्कर के शीर्ष कमांडरों से मिलने के लिए पैसे दिए थे. उसे अल-कायदा के लिए भी भारतीयों की भर्ती करने का काम सौंपा गया था.

 2017 में अर्शियान के भाई की गिरफ्तारी

अर्शियान के भाई सैयद मोहम्मद जीशान अली हैदर को भी 10 अगस्त 2017 को सऊदी अरब से प्रत्यर्पित किए जाने के बाद दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था.

गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया होगी आसान 

अब अर्शियान के खिलाफ इंटरपोल का रेड नोटिस जारी होने से उसकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को बल मिलेगा, जिससे आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा सकेगा.

क्या है रेड कॉर्नर नोटिस

रेड कॉर्नर नोटिस एक तरह की अंतरराष्ट्रीय चेतावनी होती है, जिसे इंटरपोल जारी करता है.  इसका मतलब होता है कि कोई व्यक्ति किसी देश में कानून तोड़कर भाग गया है और अब उस व्यक्ति को ढूंढ़ने और अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने में बाकी देशों की पुलिस मदद करे.

यह कोई सीधा अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट नहीं होता, लेकिन यह बताता है कि वह व्यक्ति कानून की नजर में भगोड़ा है और उसे पकड़ना जरूरी है. 

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