खतरे के निशान से तीन दिन में गंगा-यमुना का दो मीटर जलस्तर घटने से चिंता कम पर दुश्वारियां बढ़ गई हैं। हालांकि, शहर के करीब 60 मोहल्ले व जिले के 290 गांव अब भी बाढ़ की चपेट में हैं। हजारों बेघर लोग रिश्तेदारों के यहां और शिविरों में रह रहे हैं। वहीं, जो घरों में रुके हैं, वे भोजन और साफ पानी के संकट से जूझ रहे हैं। प्रशासनिक प्रयासों के बावजूद कई इलाकों का संपर्क अभी भी कटा हुआ है।
जलभराव से जनजीवन अभी भी अस्त-व्यस्त
शुक्रवार को गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 82.46 और यमुना का नैनी में 83.00 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन शहर के मोहल्लों और ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव से जनजीवन अभी भी अस्त-व्यस्त है। डीएम मनीष कुमार वर्मा ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जलस्तर में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। जैसे-जैसे पानी उतरेगा, सफाई व मरम्मत कार्यों में तेजी लाई जाएगी।
लोग कंट्रोल रूम में कर रहे कॉल, जानना चाह रहे हालात
अपने घर छोड़ कर गांव या रिश्तेदारों के यहां शरण लेने वाले लोग कंट्रोल रूम में फोन कर बाढ़ की स्थिति जानने की कोशिश कर रहे हैं। लोग लौटने की योजना बना रहे हैं लेकिन रास्ते बंद होने और जलभराव की वजह से समस्याएं आ रही हैं।
नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव : एक नजर में
दिनांक गंगा (फाफामऊ) गंगा (छतनाग) यमुना (नैनी)
1 अगस्त 85.77 मीटर 85.05 मीटर 85.78 मीटर
2 अगस्त 85.14 मीटर 84.44 मीटर 85.14 मीटर
3 अगस्त 85.87 मीटर 85.19 मीटर 85.82 मीटर
4 अगस्त 86.13 मीटर 85.41 मीटर 86.08 मीटर
5 अगस्त 85.99 मीटर 85.07 मीटर 85.79 मीटर
6 अगस्त 84.84 मीटर 84.66 मीटर 84.67 मीटर
7 अगस्त 83.98 मीटर 83.20 मीटर 83.85 मीटर
8 अगस्त 82.46 मीटर, 82.02 मीटर, 82.00 मीटर
गंगा यमुना में बाढ़ की स्थिति ( आठ अगस्त सुबह 8 बजे तक )
खतरे का निशान 84.734 है।
नैनी में यमुना का जलस्तर 82.00 मीटर रिकॉर्ड किया गया।
छतनाग में गंगा का जलस्तर 82.02 रिकॉर्ड किया गया।
फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 82.46 मीटर रिकॉर्ड किया गया।
अब खाने-पीने के भी लाले
प्रयागराज। बाढ़ की अवधि बढ़ने के साथ इसमें फंसे लोगों की दुश्वारियां भी बढ़ती जा रही हैं। बाढ़ पीड़ितों के बीमार पड़ने की शिकायतें बढ़ने के साथ ही भोजन-पानी का भी गंभीर संकट पैदा हो गया है। प्रशासन की ओर से मंगलवार को अलग-अलग क्षेत्रों में भोजन के पैकेट और राहत सामग्री वितरित कराई गई लेकिन यह नाकाफी साबित हुई। सलोरी के रमेश पुरोहित, छोटा बघाड़ा में फंसे दुर्गेश कुशवाहा, म्योराबाद की रंगीता आदि बाढ़ का दंश झेलने को मजबूर हैं।
नाकाफी साबित हो रहीं नावें और मोटर बोट
बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने और लाने-ले जाने के लिए 323 नावें व तीन मोटर बोट लगाई गई हैं। सदर तहसील के अंतर्गत 133 नावें चलाई जा रही हैं लेकिन इनका लाभ सभी प्रभावितों को नहीं मिल पा रहा है। कई क्षेत्रों में नावें पहुंच ही नहीं पा रही हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की ओर से खाने के पैकेट, लाई-चना समेत अन्य राहत सामग्री पहुंचाई गई लेकिन यह नाकाफी साबित हुई। लोग कंट्रोल रूम के अलावा अन्य लोगों को लगातार फोन करते रहे लेकिन मदद नहीं मिली।
खेती को नुकसान, मांगी गई रिपोर्ट
बाढ़ की चपेट में आने से हजारों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। जिला प्रशासन की ओर से इस नुकसान का आकलन कराया जाएगा। इसके लिए सर्वे शुरू हो गया है। इस बाबत तहसीलों और ब्लॉकों से प्रभावित क्षेत्र, बोया गया क्षेत्र, कटान की स्थिति, तीन इंच से अधिक गाद वाली खेती योग्य भूमि का क्षेत्रफल, फसल क्षति आदि बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गई है।
पुल पर सेल्फी लेने और वाहन खड़े करने पर कटेगा चालान
पुलिस ने नए यमुना पुल, शास्त्री पुल और फाफामऊ पुल पर सेल्फी लेने और वाहन खड़े करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसा करने वालों पर कार्रवाई करने के साथ पुलों पर पेट्रोलिंग के निर्देश दिए गए हैं। पुल पर सेल्फी लेने और वाहन खड़े करने पर चालान कटेगा।
बाढ़ का नजारा लेने के लिए पुलों पर अच्छी खासी भीड़ जुट रही है। लोग रेलिंग पर लटक कर सेल्फी ले रहे हैं। उधर, पुलों पर काफी संख्या में वाहन खड़े होने से आवागमन भी प्रभावित हो रहा है।डीसीपी नगर अभिषेक भारती ने बताया, संबंधित सभी थानों के प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि पुल पर पेट्राेलिंग कराई जाए। पुलों को पहले ही नो पार्किंग जोन घोषित किया जा चुका है। ऐसे में अगर कोई वाहन खड़ा करता है तो उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई होगी।
नए यमुना पुल पर सबसे ज्यादा भीड़बाढ़ देखने के लिए नए यमुना पुल पर सबसे ज्यादा भीड़ जुट रही है। यहां सुबह से ही भीड़ जुटने लगती है। लोग रास्ते में वाहन खड़े कर देते हैं, इससे आवागमन प्रभावित होता है। वहीं, शास्त्री पुल पर सोमवार को कुछ युवक स्टंट करते नजर आए। युवक रेलिंग पर चढ़कर गंगा में छलांग लगा रहे थे।
हेलीपैड पर भी लोगों का जमावड़ाबाढ़ के नजारे को मोबाइल में कैद करने और सेल्फी लेने के लिए लोग अपनी जान भी खतरे में डाल रहे हैं। यमुना बैंक रोड पर बोट क्लब के पास महाकुंभ के दौरान बने हेलीपैड पर भी रोजाना सैकड़ों लोगों का जमावड़ा हो रहा है। खास बात है कि यह लगभग डूब चुका है, बावजूद इसके लोग जान जोखिम में डाल रहे हैं।
जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया दौरा
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने मंगलवार को बाढ़ से प्रभावित ग्राम ढोकरी उपरहार तहसील फूलपुर पहुंचकर बाढ़ का निरीक्षण किया तथा गांव के बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं की जानकारी ली और सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए l गांव के लोंगों के द्वारा बताया गया कि गांव के कुछ घर पानी से घिरे हुए हैं और उन लोगों ने गांव में ही दूसरे लोगों के यहां आश्रय लिया है l पशुओं को भी अन्यत्र रखा गया है और उनके लिए चारे की आवश्यकता है। जिस पर जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी फूलपुर को बाढ़ प्रभावित लोंगो के लिए सभी खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने एवं मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी से वार्ता कर चारे की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं l उन्होंने उप जिलाधिकारी से पानी से घिरे हुए घरों का नाव से जाकर निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए हैं l
इसके बाद डीएम ने ककरा दुबावल स्थित दुर्वासा घाट पहुंच कर बाढ़ क्षेत्रों का निरीक्षण किया। बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं की जानकारी ली और सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए l उन्होंने श्यामलाल और अन्य नाविकों से भी बात कर दुर्वासा घाट के सामने दूसरी ओर कछार में खेती और पशुपालन करने हेतु अस्थायी रूप से रहने वाले लोगों के बारे में जानकारी प्राप्त की जिस पर उनके द्वारा बताया गया कि लोगों का स्थायी निवास स्थान सुरक्षित स्थान पर है, और जो लोग कछार में फंसे थे उन्हें वहां से निकाल लिया गया है l कुछ लोग अभी भी है, लेकिन सुरक्षित स्थान पर हैl उनके लिए नाव की व्यवस्था उपलब्ध है l जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी फूलपुर को बाढ़ प्रभावित लोंगो के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं l