New Delhi : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने Annual Legal Conclave 2025 में मोदी सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि वह संविधान को कुचलने का काम कर रही है. आज देश में विचारधारा की लड़ाई जारी है. जहां कांग्रेस संविधान की रक्षा कर रही है, वहीं भाजपा संविधान पर हमला कर रही है.
खड़गे ने कहा, संविधान में हिंदुस्तान की आत्मा निहित है. ये हर देशवासी की ताकत है, उसके आगे बढ़ने और सिर उठाकर सम्मान से जीने का अधिकार है. हम हर कीमत पर संविधान की रक्षा करेंगे. भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों और दलितों के साथ भेदभाव आम हो गया है. देश का प्रधानमंत्री होते हुए नरेंद्र मोदी समाज को बांटने की बात करते हैं.
मल्लिकार्जुन ने कहा कि भाजपा के लोग कहते हैं कि संविधान की प्रस्तावना में से सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द को हटाना चाहिए, लेकिन भाजपा ने अपने पार्टी संविधान में सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द रखा है. भाजपा-आरएसएस के लोग सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द को निकाल ही नहीं सकते. क्योंकि उनके पास वो ताकत नहीं है, जो इस देश की जनता के पास है. लोकतंत्र की रक्षा की जिम्मेदारी न्यायपालिका, चुनाव आयोग और मीडिया की होती है.
खड़गे ने कहा कि एक न्यायाधीश ने धर्मविशेष के लोगों के लिए अपशब्द कहे और उसपर कोई कार्रवाई नहीं होती. सरकार(मोदी) मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को हटा देती है. कहा कि मीडिया को पूंजीपतियों के माध्यम से नियंत्रित किया जा रहा है. ऐसे में ये लोकतंत्र नहीं, तानाशाही है.
खड़गे ने कहा कि नरेंद्र मोदी संसद में आने के बाद अपने ऑफिस में बैठे रहते हैं, लेकिन सदन में नहीं आते. वहीं पर टीवी में संसद की कार्यवाही देखते हैं. अरे, अगर कार्यवाही ही देखनी है तो सदन में आइए, आमने-सामने से देखिए. मुझे तो समझ नहीं आता है उन्हें किस बात का डर है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारत का संविधान सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र की आत्मा है. यह प्रत्येक भारतीय को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे का अधिकार देता है. लेकिन आज संविधान खतरे में है. सत्ता में बैठे नेता संविधान बदलने की बात कर रहे हैं. भाजपा-आरएसएस के बड़े-बड़े नेताओं का इरादा है कि संविधान की प्रस्तावना से सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द को हटा दिया जाये.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा को 2024 के चुनाव में 400 सीटें मिल जाती, तो वो संविधान को बदल देते. लेकिन ये देश की जनता की ताकत है, उन्होंने 400 पार कहने वालों के मुंह पर तमाचा मारा. ये हमारी उपलब्धि है, जिसका श्रेय राहुल गांधी जी को जाता है, क्योंकि उन्होंने संविधान को छोड़ा नहीं और संविधान को बचाने की मुहीम चलाई.