झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के अलोक में गुरुवार को नगर विकास विभाग के सचिव, जल संसाधन विभाग के सचिव, रांची DC और रांची नगर निगम के प्रशासक कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुए.
सुनवाई के दौरान अदालत ने उक्त अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जलाशय एवं तालाबों के पास से अतिक्रमण हटाने के लिए जमीनी स्तर पर कार्य दिखना चाहिए. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जलाशयों के कैचमेंट एरिया के आसपास नो एंट्री जोन बनाकर उसे कंटीले तारों से घेरा जाए.
जनहित याचिका पर अब 22 अगस्त को सुनवाई
दरअसल झारखंड हाईकोर्ट जलाशयों के आस-पास हो रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की खंडपीठ में गुरुवार को इस मामले की सुनवाई हुई. अब अदालत इस जनहित याचिका पर 22 अगस्त को सुनवाई करेगा.
जलाशयों और जल स्रोतों पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर
बता दें की रांची के बड़ा तालाब और जिले के आसपास के जल स्रोतों को संरक्षित करने एवं इसमें हो रहे अतिक्रमण को हटाने की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. जनहित याचिका में कहा गया है कि बड़ा तालाब, कांके डैम एवं धुर्वा डैम की सैकड़ों एकड़ जमीन अतिक्रमणकारियों ने हड़प ली है और वहां मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है, जिससे जलाशयों का स्वाभाविक प्रवाह और अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो भविष्य में जल संकट और पर्यावरणीय असंतुलन गहरा सकता