झारखंड में कर्मचारी हड़ताल का असर: छात्रों को मुश्किलें, सर्टिफिकेट का काम ठप

झारखंड के प्रखंड, अंचल, और जिला मुख्यालयों के कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिसमें समाहरणालय के करीब 5000 कर्मी पिछले 14 दिनों से शामिल हैं। इस हड़ताल के कारण जाति, आय, और आवासीय प्रमाणपत्रों का काम प्रभावित हुआ है, जिससे छात्रों को प्रतियोगिता परीक्षाओं के फॉर्म भरने में दिक्कतें आ रही हैं। यदि समय पर सर्टिफिकेट नहीं मिला, तो कई प्रतिभागी जेटेट और अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाओं के फॉर्म भरने से वंचित रह सकते हैं। हड़ताल के कारण 30,000 से अधिक सर्टिफिकेट का काम रुका हुआ है।

समाहरणालय के कर्मियों का कहना है कि छठे वेतन आयोग की अनुशंसा 2006 में की गई थी, जिसे उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, और हिमाचल प्रदेश ने 2012 और 2013 में लागू कर दिया। झारखंड में इसके लिए 2014 में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई थी, लेकिन आज तक यह अनुशंसा लागू नहीं हुई है।

कर्मचारियों ने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी है। रविवार को झारखंड अनुसचिवीय संघ के अध्यक्ष राजेश रंजन ने एक होटल में प्रेस वार्ता में कहा कि यदि सोमवार तक वार्ता नहीं हुई, तो वे पोल खोल अभियान चलाएंगे। इस हड़ताल में चतुर्थवर्गीय और कांट्रैक्ट कर्मचारी भी शामिल होंगे। महासंघ के महासचिव बीरेन्द्र कुमार यादव, मो. मोजाहिदुल इस्लाम, भुवनेश्वर कुमार और अन्य सदस्य भी मौके पर मौजूद थे। झारखंड शिक्षा कर्मचारी पदाधिकारी संघर्ष समिति ने भी समाहरणालय कर्मियों की मांगों का समर्थन किया है। समिति के चितरंजन कुमार ने सरकार से कर्मचारियों की जायज मांगों को शीघ्र पूरा करने की अपील की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *