रांची। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने कहा है कि इस बार लोकसभा चुनाव में राज्य के सभी मतदान केंद्रों को मॉडल बूथ के रूप में स्थापित किया जाएगा। बिजली, प्रकाश, पेयजल, सुरक्षा, स्वच्छता, पार्किंग, आवागमन सहित तमाम बुनियादी सुविधाएं हर केंद्र पर उपलब्ध होंगी। उद्देश्य यह है कि मतदान का दिवस लोकतंत्र के महापर्व के रूप में मनाया जाए और मतदान के जरिए इसमें अधिकतम जनभागीदारी सुनिश्चित कराई जाए। राज्य में 29,521 बूथ स्थापित होंगे और हर बूथ को खास थीम पर विकसित करने की तैयारी चल रही है। लोग स्वतःस्फूर्त तरीके से मताधिकार का इस्तेमाल करने पहुंचे, इसके लिए बूथ लेवल से लेकर राज्य स्तर तक अभियान चल रहा है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि सभी बूथों पर दिव्यांग मतदाताओं, महिला एवं पर्दानशीं मतदाताओं, वरिष्ठ मतदाताओं की सहायता के लिए समुचित व्यवस्था रहेगी। निर्वाचन कार्य गर्मी के मौसम में हो रहा है, ऐसे में सभी मतदान केन्द्रों पर शेड एवं पेयजल की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए गए हैं।
शहरी मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्रों के समीप ही पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। जिन मतदान केंद्रों पर सबसे बेहतर व्यवस्था रहेगी, वहां के बीएलओ को सम्मानित किया जाएगा।
बूथों की व्यवस्था को लेकर सोशल ऑडिट इकाई के माध्यम से राज्य के 600 पोलिंग बूथों का रेंडम सामाजिक अंकेक्षण करवाया गया था। इसके आधार पर निर्वाचन आयोग के अफसरों ने अलग-अलग जिलों का दौरा कर बूथों का निरीक्षण किया और इसके बाद जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को सोशल ऑडिट के जरिए सामने आई कमियों को निश्चित समय सीमा के भीतर दूर करने को कहा गया।
सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सभी मतदान केंद्रों पर अपने मतदाताओं एवं मतदान कर्मियों के लिए सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं का भौतिक सत्यापन कराकर आगामी 27 मार्च तक रिपोर्ट जमा करें।
निर्देश दिया गया है कि मतदान केंद्र अनिवार्यत: भवन के निचले तल्ले में अवस्थित होने चाहिए ताकि वृद्ध एवं दिव्यांग मतदाताओं को कोई असुविधा नहीं हो। मतदान केंद्र में प्रवेश और निकास का अलग-अलग दरवाजा होना चाहिए। सभी केंद्रों पर दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए स्थायी रैम्प होने चाहिए। पेयजल, प्रकाश-विद्युत की उपलब्धता भी होनी चाहिए। मतदान कर्मियों एवं पोलिंग एजेंट सहित दिव्यांग, गर्भवती महिला एवं वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं के लिए पर्याप्त संख्या में कुर्सी- टेबल-बेंच की व्यवस्था की जानी है।
सभी मतदान केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में पुरुषों एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय, छोटे शिशुओं के लिए क्रेच, सभी मतदान केंद्रों पर न्यूनतम 15 फुट गुणा 15 फुट का अस्थायी टेंट लगाया जाना है। इसपर निगरानी के लिए प्रत्येक जिले में एक वरीय पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।
सभी प्रमंडलों के प्रमंडलीय आयुक्तों, आईजी, डीआईजी, जिलों के निर्वाचन पदाधिकारी-सह- उपायुक्त, वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी और निर्वाचन कार्य से जुड़े वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें आयोग के दिशा-निर्देशों से अवगत कराया गया है।
विधि-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुलिस अफसरों को शराब एवं नकदी के अवैध परिवहन को रोकने के लिए सख्त अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ एवं असामाजिक तत्वों द्वारा किये जा रहे भ्रामक पोस्ट पर निगरानी रखते हुए प्रावधान अनुरूप सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में की जाने वाली कार्रवाई एवं अर्धसैनिक बल से कार्रवाई, सीमावर्ती राज्यों के साथ समन्वय, बॉर्डर चेक पोस्ट पर अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा की गई है। इसके लिए सभी पुलिस पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। पुराने वारंटी, अपराधियों एवं निर्वाचन कार्य को प्रभावित करने वालों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध की गई कार्रवाई की भी लगातार समीक्षा की जा रही है।
आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने के साथ ही मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत अनधिकृत रूप से संचालित वाहनों, वाहनों पर लगाये गए नेमप्लेटों अथवा बगैर सक्षम प्राधिकार की अनुमति के लगाए गए झंडे-बैनर, प्रचार सामग्री, अनधिकृत रंग-बिरंगे स्टीकर एवं कलर्ड विंडस्क्रीन पाए जाने की स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।