अगस्त को जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने जुलाई में गति पकड़ी है। इस अवधि में देश का पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (PMI) 16 महीने के उच्चतम स्तर 59.1 पर पहुंच गया, जो जून में 58.4 के स्तर पर था। यह लगातार दूसरा महीना है जब यह इंडेक्स 58 के स्तर से ऊपर रहा है। ये बढ़ती ग्लोबल अनिश्चितताओं के बावजूद देश में मजबूत फैक्ट्री गतिविधि का संकेत है।
देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में लगातार बनी मजबूती,घरेलू मांग में बढ़त और उत्पादन में लगातार हो रही बढ़त के कारण संभव हुई है। इससे भारत की व्यापक आर्थिक रिकवरी को भी बल मिला है। इसको ध्यान में रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वित्त वर्ष 2026 के लिए अपने ग्रोथ अनुमान को अप्रैल के 6.2 फीसदी से बढ़ाकर 6.4 फीसदी कर दिया है।
हालांकि, भारत के ग्रोथ आउटलुक को लेकर अब नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 1 अगस्त से प्रभावी भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ और जुर्माना लगाने के फैसले से निर्यात की गति धीमी पड़ने और आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ने की आशंका है। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि ये टैरिफ चालू वित्त वर्ष में विकास दर को 0.3 फीसदी तक कम कर सकते हैं।